अगर किसी प्रदेश को अपने पर्यटन और उद्योग को बढ़ावा देना है तो सबसे जरुरी महत्वपूर्ण चीज़ है वहां की सड़कें बढ़िया हो। कहने को तो केंद्र सरकार ‘इनक्रेडिबल इंडिया’ की बात करती है पर बिना अच्छी सड़कों के क्या यह संभव है?
उत्तराखंड के लिए पर्यटन को बढ़ावा देना सबसे जरुरी है जिससे न सिर्फ प्रदेश की आर्थिक हालात सुधरेंगे बल्कि केंद्र सरकार को भी विदेशी पूंजी मिलेगी। पर लगता नहीं है की ये दोनों सरकारें इसके लिए प्रतिबद्ध है।
इसका एक उदहारण है नेशनल हाईवे 87 जो रामपुर से नैनीताल को जोड़ता है। पिछले एक दशक से यह सड़क बहुत ही बुरी हालत में है। रामपुर से रुद्रपुर के बीच करीब 50 किलोमीटर का रास्ता बहुत ही खराब है जिससे ट्रैफिक की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है।
जहाँ एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार ने इसकी कोई सुध नहीं ली, उत्तराखंड सरकार न तो उत्तर प्रदेश सरकार और न ही केंद्र सरकार को इस सड़क को ठीक करने के लिए दबाव डालने में सफल रही है।
अगर हालात ये रहे तो उत्तराखंड के कुमाऊं का पर्यटन बुरी तरह से प्रभावित रहेगा साथ ही रुद्रपुर में स्थापित औद्योगिक छेत्र को बड़ा झटका लगेगा।
ये फोटोज और मैसेज वरिष्ठ पत्रकार अजय सेतिया ने अपने फेसबुक अकाउंट में शेयर किया है।
सेतिया जी लिखते हैं — यह अफ्गानिस्तान की सडक नहीं, भारत का राष्ट्रीय राजमार्ग 87 है……रामपुर से शुरू होने वाला यह मार्ग उतराखंड का प्रवेश द्वार है……रामपुर से रूद्रपुर तक के राजमार्ग का रिपेयर करीब करीब हर वर्ष होता है, लेकिन हर वर्ष हाल यही रहता है। हर साल ठेकेदार सरकार को करोडों का चूना लगाता है। निश्चित रूप से भ्रष्टाचार के इस खेल में केन्द्रीय सडक परिवहन मंत्रालय शामिल है।
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1 Comment
Pathetic condition of roads. It takes 3 hours to travel 50km on such an important highway!!!!